नई दिल्ली। एनसीपी के नेता शरद पवार ने कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ दलों को सोमवार रात गच्चा दे दिया। इन दलों के विपक्षी नेता शरद पवार से मिलने उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंचे थे, लेकिन मुलाकात का वक्त नहीं मिल सका। शरद पवार इन विपक्षी नेताओं से मुलाकात किए बगैर पुणे पहुंच गए। पुणे में शरद पवार को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में चीफ गेस्ट बनाया गया है। इस बार तिलक ट्रस्ट का ये सम्मान पीएम नरेंद्र मोदी को मिला है। शरद पवार के जब कार्यक्रम में हिस्सा लेने की बात सामने आई थी, तो कांग्रेस और शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने उनसे पुनर्विचार करने का आग्रह किया था, लेकिन शरद पवार ने फैसला नहीं बदला। अब शरद पवार के इस कदम से अटकलें तेज हो रही हैं।
एनसीपी के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के जो नेता शरद पवार से मिलने उनके आवास गए थे, उन्होंने पहले मुलाकात का वक्त ही नहीं लिया था। वहीं, पुणे में मोदी के सम्मान समारोह में शरद पवार के हिस्सा लेने के बारे में उनका कहना है कि ये गैर राजनीतिक कार्यक्रम है और इसी वजह से शरद पवार ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ट्रस्ट के पुरस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लेने का फैसला पहले ही कर लिया था।
शरद पवार के इस ताजा रुख से निश्चित तौर पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में उथलपुथल मचना स्वाभाविक है। एक तरफ शरद पवार ने उद्धव और कांग्रेस का आग्रह ठुकराकर तिलक ट्रस्ट के कार्यक्रम में जाने का फैसला किया और पीएम मोदी के साथ मंच शेयर करने में खुद को पीछे नहीं रखा। वहीं, विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी नहीं की। जबकि, शरद पवार विपक्षी दलों के गठबंधन में दिग्गज नेताओं की कतार में शुमार किए जाते हैं। अब सबकी नजर इस पर है कि शरद पवार के बारे में विपक्ष के नेताओं की अगली राय क्या आती है। बता दें कि शरद पवार ने विवाद में घिरे गौतम अडानी से मुलाकात की थी। उसकी तस्वीरें सामने आने के बाद कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने शरद पवार पर निशाना भी साधा था। उद्धव से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा करने पर भी शरद पवार पर सवाल उठे थे।