वाशिंगटन। अमेरिका दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जहां कोरोना ने जमकर अपना कहर बरपाया है। अकेले अमेरिका में ये खबर लिखे जाने तक 6 लाख 44 हजार से ऊपर मरीज हैं जिसमें से 52 हजार 629 मरीज ठीक हो चुके हैं और 28 हजार 579 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा विश्व स्वास्थ्य संगठन पर फूट रहा है।
हाल ही में उन्होंने WHO की फंडिंग रोकने का बहुत बड़ा कदम उठाया था। जिसमें दुनिया ही नहीं बल्कि उनके ही देश में उनकी खूब आलोचना हुई। लेकिन दुनिया भर से आलोचनाएं झेलने के बाद अब अमेरिका ने भी विश्व स्वास्थ्य संगठन पर खुलकर हमला बोल दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के WHO की फंडिंग रोके जाने के बाद दुनिया के ज्यादातर देशों से मिल रही आलोचनाओं के बीच अमेरिकी प्रशासन ने एक बार फिर WHO पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अमेरिकी सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि संस्था के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा फंडिंग हम करते हैं लेकिन WHO खुलकर चीन के समर्थन में काम कर रहा है।
इस मामले को गंभीरता से ले रहे अमेरिका ने आरोप लगाया है कि WHO ने डॉक्टर और जानकारों की चेतावनी के बावजूद भी चीन के उस दावे का पक्ष लिया जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस के इंसानों से इंसानों में न फैलने की बात कही थी। ताइवान ने 31 दिसंबर को ही WHO को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कोरोना वायरस के छूने से फैलने का दावा किया गया था लेकिन उसे छुपा लिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर भी दुनियां को भ्रम में रखने का आरोप लगाया था।
एक तरह से अमेरिका द्वारा WHO को लेकर किए गए दावों में काफी हद तक सच्चाई नज़र आती है। मध्य जनवरी तक कोरोना के हजारों मामले सामने आने के बावजूद WHO इसे रोकने के लिए लगातार चीन के प्रयासों की तारीफ कर रहा था। WHO ने तो यहां तक दावा किया था कि चीन में कोरोना के इंसान से इंसान में फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है। जबकि सच्चाई बिल्कुल इसके विपरीत दिख रही है। इंसानों से इंसानों में फैल रही इस बीमारी ने दुनिया को ठप कर दिया है। गौरतलब है कि WHO के दावे के विपरीत चीन के वुहान अस्पताल के डॉक्टर्स ने दुनिया के लिए चेतावनी जारी कर दी थी।
इससे पहले WHO ने इसको छिपाए रखा था। इस सब के बाद 22 जनवरी को WHO ने कोरोना को एक पब्लिक इमरजेंसी घोषित किया, तब तक चीन में कोरोना संक्रमण के 50 हज़ार से ज्यादा मामले सामने आ चुके थे। ऐसे में अमेरिका द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग रोकने का फैसला वहां के कई लोगों के मुताबिक सही है। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपने आलोचकों को जवाब दे रहे हैं।