नई दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर कथित आबकारी घोटाले में आरोप लगा है। सीबीआई ने उनको अपनी एफआईआर में आरोपियों में पहले नंबर पर रखा है। जांच एजेंसी ने 19 अगस्त को सिसोदिया के घर समेत देशभर में 21 जगह छापे भी मारे थे। दिल्ली सरकार के कई अफसरों को बुलाकर पूछताछ भी की थी। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी AAP लगातार दावा कर रही है कि कोई घोटाला नहीं हुआ। मनीष सिसोदिया भी कह रहे हैं कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। सिसोदिया का दावा है कि बीजेपी की केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता से घबराकर सीबीआई और ईडी के जरिए कार्रवाई करा रही है, लेकिन आंकड़े देखें, तो इस मामले में अच्छा खासा गोलमाल नजर आता है।
ऋषि बागड़ी नाम के ट्विटर यूजर ने आंकड़ों के जरिए आप सरकार की नई आबकारी नीति और इससे खजाने को पहुंची चोट के बारे में बताया है। ऋषि ने टीवी चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ की ओर से दिए गए दिल्ली में शराब बिक्री के आंकड़ों का हवाला देते हुए ट्वीट किया है। जो आंकड़े सामने आए हैं, वे पुरानी और नई आबकारी नीति के बारे में हैं। आंकड़ों के मुताबिक पुरानी आबकारी नीति के तहत दिल्ली में 750 मिलीलीटर शराब की बोतल की होलसेल कीमत 166.73 रुपए थी। जबकि, नई नीति में ये कीमत 188.41 रुपए हो गई। पुरानी नीति के तहत शराब की एक बोतल पर 223.89 रुपए एक्साइज ड्यूटी यानी आबकारी कर लगता था। नई नीति में एक्साइज ड्यूटी घटकर 1.88 रुपए हो गई। पुरानी नीति में शराब की 750 एमएल की बोतल पर 106 रुपए वैट था। नई नीति में वैट 1.90 रुपए हो गया।
This is the liquor policy which is causing a big revenue hole in Delhi state exchequer pic.twitter.com/W2ggtgfXjT
— Rishi Bagree (@rishibagree) August 24, 2022
इन्हीं आंकड़ों को और गौर से देखें, तो पुरानी आबकारी नीति में दिल्ली सरकार रिटेलर यानी शराब की दुकान करने वालों को 33.35 रुपए देती थी। जबकि, नई नीति में 363,27 रुपए शराब दुकानदारों को प्रति बोतल मिलने लगे। इस तरह पुरानी नीति में ग्राहक को शराब की बोतल अगर 530 रुपए में मिलती थी, तो नई नीति में बोतल की कीमत 555.76 रुपए हो गई। नई आबकारी नीति में दिल्ली सरकार ने शराब की हर बोतल पर 4.54 रुपए की अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाई। पहले ये ड्यूटी नहीं थी। इस तरह शराब खरीदने वालों को तो नई नीति के तहत हर बोतल पर ज्यादा पैसा चुकाना पड़ा, लेकिन दिल्ली सरकार के राजस्व को बड़ा घाटा हुआ। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली सरकार को पुरानी आबकारी नीति में हर बोतल शराब पर 329.89 रुपए की कमाई होती थी, लेकिन नई नीति के तहत ये कमाई घटकर महज 8.32 रुपए ही रह गई।