नई दिल्ली। बिहार के सीएम और जेडीयू के सबसे बड़े नेता नीतीश कुमार आजकल घूम-घूमकर विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं। दिल्ली आकर वो कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, एनसीपी के चीफ शरद यादव और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले। अस्पताल जाकर सपा के संरक्षक और कद्दावर नेता मुलायम सिंह यादव का हालचाल भी नीतीश ने जाना। अखिलेश और नीतीश की मुलाकात मंगलवार को हुई थी। उसके ठीक एक दिन बाद अखिलेश ने ऐसी बात कह दी, जिससे सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सपा प्रमुख ने नीतीश को विपक्षी एकता कराने वाला अकेला नेता मानने से इनकार कर दिया है?
इस सवाल के उठने की वजह अखिलेश का एक टीवी चैनल को दिया इंटरव्यू है। इस इंटरव्यू में अखिलेश यादव से नीतीश कुमार के बारे में सवाल किया गया कि वो बिहार के सीएम को किस तरह आंकते हैं? इसपर अखिलेश ने नीतीश की तारीफ तो की, लेकिन साथ ही पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव का नाम भी ले लिया। अखिलेश ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में कई साल काम किया है। इसके बाद ही वो बोले कि किसानों के लिए तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने भी काफी बेहतरीन काम किया है। इसके बाद अखिलेश ने ममता का भी नाम लिया और कहा कि ममता ने बेटियों और महिलाओं के लिए बहुत अच्छा काम किया है। ऐसे काम तो केंद्र सरकार भी नहीं कर सकी है। ये पूछे जाने पर कि किस एक नेता का नाम आप लेंगे? अखिलेश ने साफ कह दिया कि वो अभी किसी का नाम नहीं लेंगे।
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— ABP News (@ABPNews) September 7, 2022
बता दें कि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो विपक्षी एकता के बारे में अभी कुछ नहीं सोच रही है। टीएमसी के प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रे ने पिछले दिनों मीडिया से कहा था कि ममता चाहती हैं कि सभी विपक्षी दल अपने अपने प्रभाव वाले इलाकों में बीजेपी से लड़ें। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों की जो सीटें आएंगी, उसे देखते हुए ममता बनर्जी गठबंधन के बारे में फैसला लेंगी।