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Delhi Excise Policy Case: ED का बड़ा एक्शन, सिसोदिया समेत 4 आरोपियों की करोड़ों की संपत्ति की कुर्क

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। शराब घोटाले पर मामले सिसोदिया पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इसी क्रम में ईडी ने आप नेता के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय एजेंसी ने सिसोदिया, अमनदीप सिंह ढल्ल, …

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। शराब घोटाले पर मामले सिसोदिया पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इसी क्रम में ईडी ने आप नेता के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय एजेंसी ने सिसोदिया, अमनदीप सिंह ढल्ल, राजेश जोशी, गौतम मल्होत्रा और अन्य की 52.24 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है। ईडी ने इसकी जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि कुर्क की गई संपत्ति में पूर्व डिप्टी सीएम की पत्नी सीमा सिसोदिया की संपत्ति भी शामिल है। इसके अलावा राजेश जोशी व चेरियट प्रोडक्शंस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के भूमि और फ्लैट भी कुर्क किए गए हैं। 44.29 करोड़ की अचल संपत्ति कुर्क की गई है।

Manish Sisodia

बता दें कि कथित शराब घोटाला मामले में यह दूसरी कुर्की है। इससे पहले भी इस मामले में कुर्की की जा चुकी है। इससे पहले 76.54 करोड़ रुपए की कुर्की का आदेश दिया गया था, जिसमें विजय नायर, समीर महंद्रू, अमित अरोड़ा, अरुण पिल्लई का नाम शामिल था। वहीं, अब एक बार फिर से इस मामले में कुर्की का आदेश दिया गया है। जिसे लेकर बहुत मुमकिन है कि आगामी दिनों में सियासी गलियारों में प्रतिक्रियाओं का बाजार गुलजार हो।

बता दें कि अब तक इस मामले में 128 करोड़ रुपए की संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया जा चुका है। अब तक इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसमें 5 अभियोजन शिकायत दर्ज की जा चुकी है। फिलहाल, मामले की जांच जारी है। अब आगामी दिनों में इस मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। सनद रहे कि बीते 26 फरवरी को आठ घंटे की मैराथन पूछताछ के बाद सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। दरअसल, सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने निजी कारोबारियों को आर्थिक मोर्चे पर फायदा पहुंचाने के मकसद से  शराब नीति में गैर-जरूरी संशोधन किए थे।