नई दिल्ली। हाथरस में गैंगरेप की घटना के बाद तमाम राजनीतिक दल यूपी की योगी सरकार पर हमलावर हुए हैं। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने सीएम योगी से इस्तीफे की मांग तक कर दी है। इसके अलावा गुरुवार को हाथरस में पीड़िता के घर जाने की कोशिश भी राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी की तरफ से हुई लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया। बता दें कि राहुल और प्रियंका कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के साथ हाथरस जाने की कोशिश में थे, जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें रास्ते में ही रोककर थाने ले आई। प्रशासन का कहना था कि, राहुल के हाथरस जाने से माहौल बिगड़ सकता था। बता दें कि राहुल और प्रियंका पर गौतमबुद्धनगर के थाना इकोटेक पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित 153 नामजद एवं 50 अन्य लोगों के विरुद्ध अपराध 155/2020 धारा 188, 269, 270 आईपीसी व 3 महामारी एक्ट पंजीकृत किया गया है।
इसको लेकर गौतमबुद्धनगर के मीडिया सेल ने बताया कि थाना इकोटेक पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित 153 नामजद एवं 50 अन्य लोगों के विरुद्ध अपराध 155/2020 धारा 188, 269, 270 आईपीसी व 3 महामारी एक्ट पंजीकृत किया गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव और जिलाध्यक्ष समेत अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कोतवाली बीटा-2 की सरकारी गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने और महिला पुलिसकर्मी के कपड़े फाड़ने का भी आरोप लगाया गया है।
राहुल गांधी पर दर्ज हुए FIR मुताबिक, मुकदमा धारा 144 का उल्लंघन करने तथा महामारी के दौरान आम लोगों का जीवन संकट में डालने के आरोप में आईपीसी की धारा 188, और धारा 270 के तहत दर्ज कराया गया है।
बता दें कि यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ हैवानों ने कथित तौर पर गैंगरेप के बाद उसकी जीभ काट दी थी और उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। वारदात के बाद वह एक हफ्ते से ज्यादा बेहोश रही थी। हालत खराब होने के बाद किशोरी को एम्स दिल्ली ले जाया गया था, जहां मंगलवार की सुबह लगभग चार बजे उसने दम तोड़ दिया।
हालांकि हाथरस पुलिस लगातार पीड़िता के साथ रेप होने से इनकार कर रही है। इसके अलावा राजनीतिक दल पुलिस द्वारा युवती के शव की संदिग्ध तरीके से अंत्येष्टि कराए जाने को लेकर सरकार पर हमलावर है। इस बीच मुद्दे को लेकर यूपी में सियासत भी गर्म है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे, जिन्हें धारा 144 का हवाला देकर पहले तो पुलिस ने रोक लिया। बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
वहीं योगी सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई तेज कर दी है और एक SIT का गठन कर दिया है जिसे सात दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी है। बता दें कि इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम योगी से भी बात की और कठोरतम कार्रवाई करने को कहा।