नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी AAP के लिए दिल्ली में दिक्कतें कम होती नहीं दिख रही हैं। नई आबकारी नीति मामले में केजरीवाल सरकार में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के जेल जाने की नौबत दिख रही है। वहीं, अब सीबीआई ने बसों की खरीद और मेंटेनेंस के मामले में कथित तौर पर घोटाला होने के मामले में प्राथमिक तौर पर जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी की तरफ से रविवार की देर शाम ये जानकारी दी गई। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार ने 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद की थी और इनका एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट AMC दिया था। उसी मामले में शिकायत मिली थी। जिसके बाद जांच एजेंसी अब इस मामले में प्राथमिक तौर पर जांच कर रही है।
CBI has already registered a preliminary enquiry (PE) over allegations of corruption in the procurement of 1,000 low-floor buses by Delhi Government: CBI Sources pic.twitter.com/JDDOgdIFIa
— ANI (@ANI) August 21, 2022
केजरीवाल सरकार के खिलाफ बसों की खरीद और एएमसी दिए जाने की शिकायत मिलने के बाद दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल अनिल बैजल ने फाइल मंगाकर उसपर गौर किया था। जिसके बाद उन्होंने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को लिखा था। सीबीआई ने अब इस मामले की जांच करने का भी फैसला किया है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत हैं। हालांकि, ये मामला कैलाश के पद संभालने से पहले का है। माना जा रहा है कि केजरीवाल सरकार के खिलाफ बसों की खरीद और मेंटेनेंस के मामले में केस तगड़ा है।
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल सरकार ने बसों की खरीद और मेंटेनेंस देने में 5000 करोड़ का घोटाला किया है। दरअसल, एक आरटीआई से पता चला था कि केजरीवाल सरकार ने 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद के बाद कंपनियों को उनके मेंटेनेंस का ठेका दिया। इसमें प्रति किलोमीटर हर बस के लिए 30 रुपए के करीब दिया जाना तय हुआ। जबकि, नई बसों की वॉरंटी ही 2 साल की होती है और उस दौरान उनकी मुफ्त सर्विसिंग वगैरा संबंधित कंपनी की ही जिम्मेदारी होती है। हालांकि, इस मामले में केजरीवाल सरकार कहती रही है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है। सीबीआई की तरफ से प्राथमिक जांच शुरू होने के बाद अब इस मसले पर भी केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच ठनने के आसार दिख रहे हैं।