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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच शरद पवार से मिलकर राहुल ने दिए ये संकेत

Maharashtra Politics: आज दिल्ली में शरद पवार ने राकांपा कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। बैठक के बाद शरद पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं ही एनसीपी की चीफ हूं और रहूंगा। चाहे मैं 82 साल का हो जाऊं या 92 साल का।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी राकांपा प्रमुख शरद पवार से मिले। हालंकि, दोनों के बीच किन मुद्दों पर वार्ता हुई? इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन आपको बता दें कि यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है, जब महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल अपने चरम पर पहुंच चुकी है। अजित पवार अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंककर शिंदे सरकार में अपने आठ विधायकों के साथ शामिल हो चुके हैं, जिसकी वजह से एनसीपी अब अपने वजूद को बचाने में जुटी है। वहीं, अब जूनियर पवार एनसीपी पर दावा ठोंक रहे हैं, जिसे लेकर सियासत चरम पर है।

उधर, राहुल गांधी के साथ शरद पवार की मुलाकात की बात करें, तो यह उनकी एनसीपी चीफ के साथ दूसरी मुलाकात है। इससे पहले राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक में दोनों मिले थे। राहुल राकांपा प्रमुख के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की। हालांकि, कांग्रेस पहले ही बयान जारी कर राकांपा प्रमुख को अपना समर्थन जाहिर कर चुकी है। गत रविवार को जब अजित पवार अपने विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, तब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर पवार का समर्थन किया था।

ajit pawar and sharad pawar

वहीं, आज दिल्ली में शरद पवार ने राकांपा कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। बैठक के बाद शरद पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं ही एनसीपी की चीफ हूं और रहूंगा। चाहे मैं 82 साल का हो जाऊं या 92 साल का। ध्यान दें कि बीते बुधवार को अजित पवार ने प्रेसवार्ता के दौरान अपने चाचा के बारे में कहा था कि अब आप 82 साल के हो जाए हैं। अब तो आप राजनीति से मुक्ति ले लीजिए। अजित ने बीजेपी का हवाला देते हुए कहा था कि वहां 75 साल को होने के बाद नेता को सेवानिवृत कर दिया जाता है। इसके बाद वो बाहर से ही पार्टी को अपना आशीर्वाद देते हैं , लेकिन आप तो तक पार्टी में हैं। अब आपको राजनीति से मुक्ति ले लेनी चाहिए और बाहर से ही हमें आशीर्वाद देना चाहिए, तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि किस तरह से महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक का दौर जारी है। अब ऐसे में आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।