newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Survey: केंद्र में सत्ता के लिए एकजुट हो रहे विपक्ष को ताजा सर्वे में करारा झटका, जानिए PM मोदी के मुकाबले में राहुल और केजरीवाल कहां खड़े

केंद्र में अगली सरकार बनाने के लिए विपक्ष एकजुट होने की कोशिश में जुटा है। गठबंधन बन रहे हैं और कई जगह टूट भी रहे हैं। तो क्या विपक्ष की एकजुटता 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लिए दिक्कत का सबब बनेगी? इस सवाल का जवाब एक ताजा सर्वे से सामने आ चुका है।

नई दिल्ली। 2 साल से भी कम का वक्त बचा है। लोकसभा चुनाव 2024 के मार्च-अप्रैल में होंगे। इससे पहले ही केंद्र में अगली सरकार बनाने के लिए विपक्ष एकजुट होने की कोशिश में जुटा है। गठबंधन बन रहे हैं और कई जगह टूट भी रहे हैं। तो क्या विपक्ष की एकजुटता 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लिए दिक्कत का सबब बनेगी? इस सवाल का जवाब एक ताजा सर्वे से सामने आ चुका है। न्यूज चैनल ‘आज तक’ का ये सर्वे जो बता रहा है, वो एकजुटता की कोशिश कर रहे विपक्ष के लिए कितना उत्साहजनक है, ये आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

PM Modi

आजतक के इस ताजा सर्वे के मुताबिक बिहार में भले ही नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया हो और उनके भरोसे विपक्ष की एकता और मजबूत होने की बात कही जा रही हो, लेकिन जनता का मूड फिलहाल दूसरा ही दिख रहा है। इस सर्वे के मुताबिक आज अगर लोकसभा चुनाव कराए जाएं, तो विपक्ष के हाथ देश की जनता सत्ता सौंपने के मूड में नहीं लग रही है। सर्वे के मुताबिक मोदी सरकार के कामकाज से देश के 56 फीसदी यानी आधे से ज्यादा लोग संतुष्ट हैं। इसका नतीजा ये है कि आज लोकसभा चुनाव हो जाएं, तो लोकसभा की 543 में से बीजेपी को 283 सीटें हासिल हो जाएंगी। यानी जनता खुद बीजेपी को ही सरकार बनाने लायक बहुमत देती दिख रही है।

ये तो हुई सरकार बनाने की बात, लेकिन पीएम का चेहरा भी जनता के लिए खासा मायने रखता है। इस सर्वे में ये जानने की कोशिश हुई कि मोदी के मुकाबले राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कहां ठहरते हैं? इस सवाल के नतीजे भी आपको चौंका देंगे। सर्वे के नतीजों के मुताबिक देश के 53 फीसदी लोग मोदी को ही एक बार फिर पीएम पद पर देखना चाहते हैं। जबकि, उनके खिलाफ विपक्ष के मुख्य चेहरे कांग्रेस के राहुल गांधी को पीएम पद पर देखने वाले 9 फीसदी और केजरीवाल को पीएम पर पर देखने की चाहत रखने वाले महज 7 फीसदी हैं। अगर सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक ही देश की जनता का मूड अगले करीब डेढ़ साल तक बना रहता है, तो शक की कोई गुंजाइश नहीं कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर पीएम पद पर बैठकर केंद्र में विपक्ष की सबसे लंबी सरकार चलाने का रिकॉर्ड बनाएंगे।