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Maharashtra: …तो इसलिए तोड़ना पड़ा था बीजेपी से रिश्ता, ‘उद्धव ठाकरे के इस खुलासे से महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप

Maharashtra: उद्धव ठाकरे ने आगे अपने बयान में कहा कि अगर महाराष्ट्र में शिंदे सरकार मजबूत थी, तो फिर एनसीपी के अजित पवार को इमसें सेंधमारी करने की जरूरत क्यों पड़ गई। कल तक प्रधानमंत्री जिन एनसीपी नेताओं को भ्रष्टाचारी की संज्ञा दिया करते थे।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक तरफ उद्धव ठाकरे अपनी शिवसेना को बचाने की जद्दोजहद में मसरूफ हैं, तो वहीं राकांपा में अजित पवार के बगावती तेवर के बाद शरद पवार भी पिछले कुछ दिनों से पॉलिटिकल टेंशन से जूझ रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संग्राम के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विदर्भ दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होंने उन सभी सियासी मसलों के बारे में खुलकर अपनी राय साझा की जिसे लेकर अभी बहस का बाजार गुलजार है। सबसे पहले उन्होंने उस वजह पर प्रकाश डाला कि आखिर वो किन कारणों से बीजेपी से जुदा हुए, तो आइए आगे आपको उनके द्वारा जिक्र किेए गए सभी मसलों के बारे में विस्तार से बताते हैं।


उद्धव ठाकरे उन्हें बीजेपी से अलग होने के बारे में बताया कि मैं बीजेपी से अलग नहीं हुआ था, बल्कि उन्होंने मुझे धक्के मारकर निकाला था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी को शिवसेना की जरूरत तो थी, लेकिन उद्धव ठाकरे की जरूरत नहीं, इसलिए उन्होंने मुझे धक्के मारकर भगाया था। उद्धव ने अपने बयान में कहा कि बीते दिनों सभी नकली शिवसैनिक निकल गए। अब सिर्फ असली शिवसैनिक ही हमारे पास बचे हुए हैं। रही बात पद की तो मुझे इसका मोह कभी नहीं रहा है और जिन लोगों को लगता है कि मेरे मन में पद का मोह रहा है, तो यह उनकी गलतफहमी है, जिसे मैं दूर करके रहूंगा। वहीं, उद्धव ठाकरे ने आगे अपने बयान में कहा कि अगर महाराष्ट्र में शिंदे सरकार मजबूत थी, तो फिर एनसीपी के अजित पवार को इमसें सेंधमारी करने की जरूरत क्यों पड़ गई। कल तक प्रधानमंत्री जिन एनसीपी नेताओं को भ्रष्टाचारी की संज्ञा दिया करते थे। आज देखिए उन्हीं के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि ये लोग राजनीति में हर गतिविधि को अपने अवसर के रूप में देखते हैं, जिसका ये भरपूर सदपयोग करना जानते भी हैं।

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बता दें कि उद्धव ठाकरे का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब महाराष्ट्र में राजनीति संग्राम अपने चरम पर पहुंच चुका है। अजित पवार अपने 8 विधायकों के साथ मिलाकर शिंदे सरकार में शामिल हो चुके हैं। अब उद्धव गुट की ओर से लगातार अजित पवार के साथ गए विधायकों के अयोग्य ठहराने की कवायद शुरू की जा चुकी है।