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India-China Tension: अमेरिकी जनरल ने चीन के निर्माण पर बजाई खतरे की घंटी, बोले- LAC पर हो रहा निर्माण अच्छा संकेत नहीं

अमेरिकी सेना की पैसिफिक कमान के जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन ने भारत के 4 दिन के दौरे के बाद मीडिया से ये बात कही। सेना प्रमुख मनोज पांडेय से भी वो मिले। फ्लिन ने कहा कि जिस स्तर पर चीन गतिविधियां कर रहा है, उसे देखकर सबकी आंखें खुलनी चाहिए।

नई दिल्ली। अमेरिकी सेना के एक टॉप जनरल ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC के पास चीन की ओर से लगातार ताकत बढ़ाए जाने को भारत के लिए खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि चीन जिस तरह से सैन्य कामकाज के लिए निर्माण कर रहा है, उससे खतरे की घंटी बजनी स्वाभाविक है। अमेरिकी सेना की पैसिफिक कमान के जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन ने भारत के 4 दिन के दौरे के बाद मीडिया से ये बात कही। सेना प्रमुख मनोज पांडेय से भी वो मिले। फ्लिन ने कहा कि जिस स्तर पर चीन गतिविधियां कर रहा है, उसे देखकर सबकी आंखें खुलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लद्दाख के पास चीन के पश्चिमी थिएटर कमान में हो रहा निर्माण खतरे को बढ़ाता है।

us general flyn with general manoj pandey

जनरल फ्लिन की तरफ से ये बात उस वक्त कही गई है, जब बीते दिनों लद्दाख में पैंगोंग सो झील के दूसरी तरफ चीन की ओर से दो पुल बनाए जाने की जानकारी सामने आई थी। चीन ने पैंगोंग सो के फिंगर 8 के पास पहले एक छोटा पुल बनाया था। बाद में उसने चौड़े और बड़े पुल का निर्माण भी किया है। इस पुल से होकर उसकी सेना के टैंक और अन्य वाहन युद्ध होने पर भारत के इलाके में आसानी से दाखिल हो सकते हैं। हालांकि, भारत ने भी हालात को देखते हुए अपनी तैयारी तेज कर रखी है। भारत भी पुल और सड़कों को तेजी से बना रहा है। ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल सेना की तैनाती की जा सके।

indian army

बता दें कि साल 2019 से ही चीन ने लद्दाख में घुसपैठ करनी शुरू की थी। सेना ने इसका विरोध करते हुए उसे माकूल जवाब दिया था। मई 2020 में चीन और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों से संघर्ष में भारतीय सेना के कर्नल बी. सतीश बाबू और 19 जवान शहीद हुए थे। चीन के भी तमाम सैनिक मौत के घाट उतारे गए थे। फिलहाल दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए 15 बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोंगका ला के पास पेट्रोल प्वॉइंट 15, नुल्ला जंक्शन, गोगरा हॉट स्प्रिंग, गलवान और पैंगोंग सो इलाके में अब भी काफी तनाव है। दोनों देशों ने 60-60 हजार जवान यहां आमने-सामने तैनात कर रखे हैं। इसके अलावा बड़ी तादाद में भारी हथियारों को भी भारत ने चीन के मुकाबले के लिए तैनात किया है।