चंडीगढ़। आपको याद होगा कि डॉन और माफिया मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल में बंद रखा गया था। उस दौरान उसे पंजाब से यूपी लाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार को सुप्रीम कोर्ट का सहारा तक लेना पड़ा था। पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार मुख्तार को वहां से यूपी भेजने में तमाम अड़ंगे लगा रही थी। अब ये खुलासा हुआ है कि मुख्तार को योगी सरकार से बचाने के लिए पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर हथकंडा अपनाया था। पंजाब के जेल मंत्री हरजोत बैंस ने विधानसभा में इसका खुलासा किया है। बैंस के मुताबिक मुख्तार को पंजाब की जेल में वीआईपी सुविधा भी कांग्रेस की तत्कालीन सरकार दे रही थी।
मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल में ढाई साल रखने का प्रकरण विधानसभा में आज उठाया गया
आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार के जेल मंत्री हरजोत बैंस ने कहा – “इंडिया का नामी गैंगस्टर मुख्तार अंसारी…” सुनिए पूरा वीडियो@myogiadityanath @INCIndia @AamAadmiParty pic.twitter.com/3M77MxF0jd
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) June 28, 2022
विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए हरजोत बैंस ने पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की मुख्तार को दी गई सुविधाओं की पोल एक-एक कर खोलनी शुरू कर दी। पंजाब के जेल मंत्री ने बताया कि मुख्तार को रोपड़ की जेल में 2 साल और 3 महीने रखा गया। वो भी एक फर्जी केस दर्ज करके। बैंस ने बताया कि इस दौरान माफिया मुख्तार को जेल में वीआईपी सुविधा दी गई। उन्होंने सनसनीखेज दावा किया कि जिस बैरक में मुख्तार को रखा गया था, वहां 25 कैदी रह सकते थे, लेकिन पंजाब सरकार की शह पर जेल प्रशासन ने उस बैरक में मुख्तार को अपनी पत्नी के साथ रहने दिया।
पंजाब के जेल मंत्री ने आगे खुलासा किया कि मुख्तार अंसारी को यूपी न भेजने के लिए पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो कानूनी लड़ाई लड़ी, उसके लिए 11 लाख रुपए हर पेशी लेने वाले एक सीनियर वकील को रखा गया। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस वकील पर पंजाब सरकार ने 55 लाख रुपए खर्च किए। हरजोत बैंस ने कहा कि इस तरह पंजाब के 5.5 लाख लोगों पर ये 55 लाख रुपए कर्ज के तौर पर चढ़े। बैंस ने कहा कि उन्होंने इस मामले की पूरी जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में इस मामले में और गंभीर खुलासे होने के आसार दिख रहे हैं।